वसंत पंचमी कविता : वसंत विरह
ठाट-बाट साज-बाज धारिलीन द्रुम राज, फूले फले ठारे आज सबको सुहाए है। तरुवल्ली को निहोर मोर पिकचारो ओर, करत पपीहा शोर अति हरखायो है॥
View Articleतब समझूंगा आया वसंत - शिवमंगलसिंह 'सुमन'
जब सजी वसंती बाने में, बहनें जौहर गाती होंगी, कातिल की तोपें उधर, इधर नवयुवकों की छाती होगी, तब समझूंगा आया वसंत...
View Articleवसंत पाना हैं तो प्रकृति के निकट जाना होगा
हमारी अनुभूतियां बदल रही हैं। अब सामने होकर भी प्रकृति के हरकारे फूल, पक्षी, फसल हमें दिखलाई नहीं पड़ते हैं। तरक्की पसंद इंसान का आसमान चहारदीवारी में कैद हुआ और घर में बौने पेड़ उग आए। प्रकृति से रिश्ता...
View Articleवसंत पंचमी - खिल सकता है खुशियों का गेंदा
हमारे आसमान में भी चांद चमक सकता है, खुशियों का गेंदा खिल सकता है, उल्लास की कोयल कूक सकती है और मिलन के पर्व मन सकते हैं। जरूरत है, वसंत को अपने भीतर उतार लेने की।
View Articleसुमित्रानंदन पंत की कविता- फिर वसंत की आत्मा आई
फिर वसंत की आत्मा आई, मिटे प्रतीक्षा के दुर्वह क्षण, अभिवादन करता भू का मन ! दीप्त दिशाओं के वातायन, प्रीति सांस-सा मलय समीरण,चंचल नील, नवल भू यौवन,फिर वसंत की आत्मा आई,आम्र मौर में गूंथ स्वर्ण कण,...
View Articleहिन्दू धर्म में खास महत्व रखती है वसंत पंचमी
हिंदू धर्म में वसंत पंचमी का त्योहार एक विशेष महत्व रखता है। इस दिन विद्या की देवी सरस्वती की पूजा की जाती है। यह पूजा पूर्वी भारत में बड़े उल्लास से की जाती है। इस दिन स्त्रियां पीले वस्त्र धारण कर...
View Articleवसंत पंचमी की पौराणिक कथा
पौराणिक वसंत पंचमी की कथा के अनुसार सृष्टि के प्रारंभिक काल में भगवान विष्णु की आज्ञा से ब्रह्माजी ने मनुष्य योनि की रचना की, परंतु वह अपनी सर्जना से संतुष्ट नहीं थे, तब उन्होंने विष्णु जी से आज्ञा...
View Articleवसंत पंचमी एक नजर में
हिन्दू मान्यता के अनुसार वसंत पंचमी को अबूझ मुहूर्त माना जाता है। इस दिन बिना मुहूर्त जाने शुभ और मांगलिक कार्य किए जाते हैं।
View Articleजानिए वसंत पंचमी के दिन कैसे करें पूजन...
माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी से ऋतुओं के राजा वसंत का आरंभ हो जाता है। यह दिन नवीन ऋतु के आगमन का सूचक है। इसीलिए इसे ऋतुराज वसंत के आगमन का प्रथम दिन माना जाता है। इसी समय से प्रकृति के सौंदर्य...
View Articleवसंत पंचमी पर देवी सरस्वती का पूजन कैसे करें...
मां शारदा को प्रसन्न करने का दिवस होता है वसंत पंचमी। इस दिन अगर विधि-विधान से पूजन किया जाए तो मां सरस्वती विद्या, वाणी और प्रसिद्धि का आशीर्वाद देती है। भगवती सरस्वती की पूजन प्रक्रिया में सर्वप्रथम...
View Articleमां सरस्वती वंदना
हे हंसवाहिनी ज्ञानदायिनी अम्ब विमल मति दे। अम्ब विमल मति दे॥ जग सिरमौर बनाएं भारत, वह बल विक्रम दे। वह बल विक्रम दे॥ हे हंसवाहिनी ज्ञानदायिनी अम्ब विमल मति दे। अम्ब विमल मति दे॥
View Articleवसंत पंचमी विशेष : देवी सरस्वती की आराधना का पर्व
मां सरस्वती विद्या, बुद्धि, ज्ञान और वाणी की अधिष्ठात्री देवी हैं। शास्त्र ज्ञान को देने वाली है। भगवती शारदा का मूलस्थान अमृतमय प्रकाशपुंज है। जहां से वे अपने उपासकों के लिए निरंतर 50 अक्षरों के रूप...
View Articleवसंत पंचमी : मां सरस्वती को प्रसन्न करने का पर्व
हमने सरस्वती को यूं ही ज्ञान की देवी नहीं कहा। बड़े-बड़े कारण रहे हैं इन मिथकों पीछे। ऋषियों द्वारा दी गई एक ऋचा में उनका संपूर्ण जीवन अनुभव और ज्ञान छुपा था जिनसे ज्ञान की अनगिनत धाराएं फूटी थीं। यूं ही...
View Articleजानिए वसंत पंचमी का महत्व
माघ के महीने की पंचमी को वसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। मौसम का सुहाना होना इस मौके को और रूमानी बना देता है। वसंत पंचमी को श्री पंचमी तथा ज्ञान पंचमी भी कहते हैं। अमेरिका में रहने वाले बंगाली...
View Articleवसंत पंचमी : नर्म दस्तक नशीले मौसम की
एक अव्यक्त सुवासित गंध मन में एक पूरा सुनहरा मौसम खड़ा कर देती है। यह कोमल केसरिया मौसम अतीत में जिस सज-धज के साथ आता था। वर्तमान में अनचाहे मेहमान-सा आता है, ठिठकता है और खामोशी से चला जाता है। हम न...
View Articleवसंत पंचमी : विद्या, प्रेम, काम और ज्ञान का संगम
शास्त्रों में बताया गया है कि माघ शुक्ल पंचमी के दिन ज्ञान और विद्या की देवी माता सरस्वती का जन्म हुआ है। छात्रगण इसी उपलक्ष्य में इस दिन माता सरस्वती की पूजा करते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शिक्षा...
View Articleदेवी सरस्वती पर कविता : हे अम्बु वीणा हाथ ले।
हे अम्बु वीणा हाथ ले। फिर एक बार बजाय दे। ज्ञान का भंडार भर मां। अंधकार भगाय दे।। हे अम्बु वीणा हाथ ले। फिर एक बार बजाय दे। मृदुवाणी का बोल हो। शब्दों का माते जोड़ हो। भक्त अर्चना कर रहा है।
View Articleवसंत पंचमी कविता : बसंत ऋतु आई है...
अलौकिक आनंद अनोखी छटा। अब बसंत ऋतु आई है। कलिया मुस्काती हंस-हंस गाती। पुरवा पंख डोलाई है। महक उड़ी है चहके चिड़िया। भंवरे मतवाले मंडरा रहे हैं। सोलह सिंगार से क्यारी सजी है।
View Articleवसंत पंचमी पर कविता : आयो बसंत, बदल गई ऋतुएं
उड़-उड़कर अम्बर से। जब धरती पर आता है। देख के कंचन बाग को। अब भ्रमरा मुस्काता है। फूलों की सुगंधित। कलियों पर जा के। प्रेम का गीत सुनाता है।
View Articleवसंत पंचमी : प्रेम के इजहार का दिन
वसंत पंचमी को भारत का वेलेंटाइन-डे कहने में कोई गुरेज नहीं। भारतीय पंचांग अनुसार मौसम को छह भागों में बांटा गया है उनमें से एक है वसंत का मौसम। इस मौसम से प्रकृति में उत्सवी माहौल होने लगता है। वसंत...
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