पौराणिक कथा के अनुसार यह सरस्वती के आविर्भाव व विजय का दिन है। वाल्मीकि रामायण में उल्लेख है कि सरस्वती ने अपने चातुर्य से देवताओं को कुंभकर्ण से बचाया था।
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