हे देवी, वसंत में खिली
लताओं से मंडित,
नाना कमलों से, हंसों की
मंडली से अलंकृत
मलय पवन से आंदोलित
सरोवर में सखियों के
मध्य क्रीड़ा करती हुई मां सरस्वती
तुम्हारा ध्यान करने से
ज्वरजनित पीड़ा दूर होती है।
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